मनोज राम-रक्षाबंधन रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन आप सभी देशवासियों के जीवन में उल्लास का संचार करे

भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक पर्व है “रक्षाबंधन”, इसके अर्थ में ही छिपा हुआ है कि “रक्षा के लिए बंध जाना”. भाई-बहन के आपसी प्रेम और विश्वास का केंद्रीय पर्व रक्षाबंधन अपने आप में एक अनूठी परम्परा का निष्पादन करता है. आज जहां हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा दांव पर लगी है और देश भर में उनके साथ अत्याचार एवं अनाचार हो रहे हैं. ऐसे में हम सभी भाइयों का कर्तव्य है कि हम अपनी सभी भारतीय बहनों की रक्षा का वचन लेकर इस त्यौहार की सार्थकता को सिद्ध करें.

आप सभी स्वयं को नशे और व्यसनों के चुंगल से आज़ादी दिलाकर स्वतंत्रता की सही प्रासंगिकता को अपने जीवन में उतारे और ऐसे दुर्व्यसनों से आज़ादी ही आपको एक सकारात्मक और आशावादी विचारधारा की ओर प्रेरित करेगी. नशे से मुक्त होकर आप अपने परिवार, समाज, देश और अपनी बहनों का भी सम्मान करना सीखेंगे, तभी हम और आप सच्चे अर्थों में रक्षाबंधन पर अपनी बहनों को दिए रक्षा के वचन को भी निभा पाएंगे.

इन्हीं शब्दों के साथ आप सभी भारतवासियों को तहेदिल से रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार की मंगल कामनाएं. त्योहारों के उल्लासपूर्ण क्रम में आप हर क्षण तरक्की करें और कल्याणकारी विचारधारा की ओर उन्मुख हों.

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